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रेडियो की विकास गाथा अरून्धति नाथ |
पिछले 6 दशकों में भारतीय रेडियो ने तमाम चुनौतियों और उपलब्धियों के बीच एक लंबा सफ़र तय किया है| उतार -
चढ़ावभरे अपने इतिहास के बावज़ूद रेडियो भारत में सबसे आसानी से उपलब्ध, किफ़ायती और लोकप्रिय मनोरंजन
का साधन बना हुआ है| यह माध्यम भारत के 99 प्रतिशत लोगों तक पहुंच रहा है|
भारत में रेडियो प्रसारण की शुरूआत सन 1923 में तत्कालीन बंबई में रेडियो क्लब की स्थापना के साथ हुई|
आँल इंडिया रेडियो की स्थापना 1936 में हुई| यह अब विश्व का सबसे बड़ा रेडियो नेटवर्क बन चुका है और इसमें
लोकप्रिय एआईआर एफएम भी शामिल है| नब्बे के दशक तक , जब तक हमारी अर्थव्यवस्था खुली नहीं थी,
किसी निज़ी कंपनी को रेडियो के क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं थी और भारतीय श्रोताओं की सांस्करृतिक रूप
से विविध और व्यापक पंसद के कार्यक्रमों को परोसने का संपूर्ण उत्तरदायित्व आकाशवाणी पर ही थी|
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लेख |
झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन |
जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
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