|
|
|
DETAIL
STORY |
|
|
|
|
|
|
एनीमेशन उद्योग का विकास गोतम बेनेगल |
भारत में वाणिज्यिक एनीमेशन कथा चित्रों की शुरुआत और माध्यम के रूप में सिनेमा के उद्भव में एक गहरी साम्याता है | इसमें आशचर्य की कोई बात नहीं कि जनसंचार के संपूर्ण माध्यम के रूप में सिनेमा के पहले कदम और उसकी कुछ कम प्रतिष्ठित शाखा , एनीमेशन फिल्मों की शुरूआत पौराणिक कथाओं से हुई |
ऐसा इसलिए कि ये वे कहानियां हैं जो सदियों से हमारी जनचेतना में गूंजती है और हमें उपदेशों , गीतों , नाटकों , मूर्तिकला और कला के माध्यम से असंख्य बार सुनाई जाती रही हैं | मुंबई फिल्में उद्योग द्वार उन्से दूरी बनाए जाने के बावजूद दक्षिण भारत की क्षेत्रीय भाषायी फिल्मों में 1970 के दशक तक पौराणिक फिल्मे का वर्चस्व बना रहा | भारत की पहली एनीमेशन फिल्में जिस्में लोकप्रियता का पुट था और जिसने भारी व्यावसायिक सफलता भी प्राप्त की , वह थी 2005 में बनी - हनुमान ,जिसका निर्देसन वि.जी सामंत ने किया थे |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Regional Languages
|
|
|
|
नियमित
लेख |
झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन |
जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
|
|
|
|
|
|
|