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सवाक सिनेमा के 80 वर्ष
• रफीक बगदादी |
साहस,जोखिम और उदृम अनेक उतार - चढावों और आंखों में सितारों की चमक भरे रोमांस के सपनों से ओत - प्रोत भारतीय फिल्म उद्योग के विकासकी कथा अनेक रोचक मोङों और घुमावदार रास्तों से भरीपडी है |
इन सबके बीच , पहले भारतीय सवाक सिनेमा के निर्माता आर्दशिर मारवन ईरानी का नाम हमेशा एक चमकीले सितारे की तरह दमकता रहेगा |
उनका जन्म जिस वर्ष (1885) हुआ था |
उसी वर्ष उल्कापात का चित्र पहली बार छपा और लंदन में गिल्बर्ट और सुलिवन रचित ओपेरा मिकादो का प्रथम मंचन हुआ था | इसी वर्ष भारत में कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई थी | इसके छह वर्ष बाद (1891) एडिसन ने अपने गतिशील चित्रों के कैमरे का आविसकार किया और इसके 25 बर्ष बाद (1910-14) एडिसन का ग्रामोफौन बाजार में आया |
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लेख |
झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन |
जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
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